Thursday, 27 February 2025

अस्थायी मोहब्बत या सुनहरा भविष्य? फैसला आपका!  


आजकल के किशोर और कॉलेज के छात्र अक्सर एक ऐसे मोड़ पर खड़े होते हैं, जहां उन्हें तय करना होता है कि वे अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं या फिर भावनाओं के जाल में उलझकर खुद को बर्बाद करना चाहते हैं। 8वीं-9वीं कक्षा से ही बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के चक्कर में पड़ने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। कॉलेज पहुंचते-पहुंचते तो यह जुनून और भी तेज़ हो जाता है। नतीजा? करियर बर्बाद, सपने चकनाचूर और माता-पिता की उम्मीदें टूट जाती हैं।  


लेकिन रुको! क्या यही तुम्हारी जिंदगी का असली मकसद है?  क्या एक रिश्ते के कारण तुम अपने भविष्य की कीमत चुकाने को तैयार हो?  


खुद से ये सवाल पूछो...  

1. क्या तुम्हारा रिश्ता तुम्हें आगे बढ़ा रहा है या पीछे खींच रहा है? 

   - अगर तुम्हें लगता है कि तुम पढ़ाई छोड़कर, करियर को नजरअंदाज कर सिर्फ चैटिंग, कॉल और डेटिंग में व्यस्त हो रहे हो, तो सच मानो – तुम गलत रास्ते पर हो 

  2. क्या तुम्हारा रिश्ता तुम्हें मजबूत बना रहा है?  

   - सच्चा प्यार वही होता है जो तुम्हें अपने सपनों की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित करे। अगर तुम दिनभर सिर्फ यह सोच रहे हो कि ‘उसने रिप्लाई क्यों नहीं किया?’, ‘वो मुझे इग्नोर क्यों कर रहा/रही है?’ – तो यह प्यार नहीं, एक मानसिक जंजीर है।  

3. क्या तुम अपने माता-पिता की उम्मीदों को तोड़ सकते हो?  

   - उन्होंने तुम्हें इसलिए पढ़ाया-लिखाया है ताकि तुम अपनी जिंदगी बनाओ, ना कि किसी अस्थायी रिश्ते में पड़कर अपना समय और संभावनाएं गंवा दो।  

भविष्य पहले, भावनाएं बाद में 

याद रखो, करियर और सफलता का कोई दूसरा ऑप्शन नहीं होता, लेकिन रिलेशनशिप बाद में भी हो सकता है। अगर तुम अभी अपने लक्ष्य से भटक गए तो बाद में पछताने के अलावा और कुछ नहीं बचेगा।  

सफल लोगों की कहानियों से सीखो  

- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम – उन्होंने अपने करियर को सबसे ऊपर रखा, तभी वे ‘मिसाइल मैन’ और देश के राष्ट्रपति बने।  

- सचिन तेंदुलकर – क्रिकेट उनका पहला प्यार था, उन्होंने उसी पर फोकस किया और आज ‘क्रिकेट के भगवान’ कहलाते हैं।  

- आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन – जितने भी सफल लोग हैं, उन्होंने पहले अपने करियर को प्राथमिकता दी, फिर बाकी चीजों के बारे में सोचा।  

अब तुम्हें क्या करना चाहिए?  

लक्ष्य तय करो – एक विजन बोर्ड बनाओ, जहां तुम्हें हर दिन अपने सपनों की याद दिलाई जाए।  

सेल्फ-इम्प्रूवमेंट पर ध्यान दो – किताबें पढ़ो, नई स्किल्स सीखो, एक्स्ट्रा क्लासेस लो।  

अपनी एनर्जी को सही दिशा में लगाओ – रिलेशनशिप में समय बर्बाद करने के बजाय खुद को मजबूत बनाने में लगाओ।  

दोस्त बनाओ, लेकिन सही लोग चुनो – ऐसे दोस्त रखो जो तुम्हें ऊपर उठाएं, नीचे ना गिराएं।  


रिश्ते जरूरी हैं, लेकिन करियर और खुद का सम्मान सबसे पहले आता है। अगर तुम अभी मजबूत बन गए, तो सच्चा प्यार और एक बेहतरीन जीवनसाथी अपने-आप तुम्हारी जिंदगी में आएंगे। लेकिन अगर तुम अभी बहक गए, तो कल पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा।  

तो फैसला तुम्हारा है – एक अस्थायी मोहब्बत या सुनहरा भविष्य


- गिरिराज शर्मा 
( ढाई दशक से सक्रिय पत्रकारिता में। राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर लेखन। मोटिवेशनल स्पीकर)

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